अयोध्या राम मंदिर निर्माण आधारशिला उज्जैन राम घाट पर आज मुख्य समारोह होगा - पं संदीप व्यास
अयोध्या राम मंदिर निर्माण आधारशिला राम घाट पर आज मुख्य समारोह होगा! उज्जैन -पं संदीप व्यास   रामघाट तीर्थ पुरोहित सभा एवं कार्यक्रम के संयोजक पंडित गौरव उपाध्याय धर्माधिकारी ने दिनांक 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर आधारशिला के शुभ अवसर पर उज्जैन रामघाट पर होने वाले मुख्य कार्यक्रम की जानकारी देते…
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जिला प्रशासन महाकाल प्रबंध समिति महाकाल सवारी मार्ग को लेकर पुनर्विचार करें !(पं संदीप व्यास)
जिला प्रशासन महाकाल प्रबंध समिति महाकाल सवारी मार्ग को लेकर पुनर्विचार करें !(पं संदीप व्यास) धर्म यात्रा महासंघ ब्राह्मण समाज तथा सामाजिक धार्मिक संस्थाओं ने संभाग आयुक्त को ज्ञापन सौंपा उज्जैन धर्म यात्रा महासंघ अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज महाकाल नियमित दर्शन दर्शनार्थी तथा उज्जैन की सामाजिक धार्म…
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प्रवेश में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत !(पं संदीप व्यास)
प्रवेश में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत ! उज्जैन- अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज मार्गदर्शक मंडल के अध्यक्ष पूर्व अपर कलेक्टर पंडित रमेश चंद्र पंड्या सचिव श्री तरुण उपाध्याय अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी पूर्व अध्यक्ष द्बय पंडित सुरेंद्र क…
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नवागत पुलिस अधीक्षक को ( सपत्निक) का दुपट्टा एवं भगवान महाकाल का चित्र भेंट की -पं संदीप व्यास
(पं संदीप व्यास)नवागत उज्जैन पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार सिंह( सपत्निक) का दुपट्टा एवं भगवान महाकाल का चित्र भेंट कर रामघाट तीर्थ पुरोहित महासभा एवं अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज तीर्थ इकाई द्वारा राम घाट स्थित आश्रम पर धार्मिक अनुष्ठान समापन अवसर में अभिनंदन कर उज्जैन में उनके यशस्वी कार्यकाल की का…
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आखिर जिस समाचार पत्र से "हिंदी पत्रकारिता दिवस" की शुरुआत हुई वह एक वर्ष भी क्यों नहीं चल पाया ?(पं संदीप व्यास)
(पं संदीप व्यास) हर सुबह खबरों से भरा हुआ अखबार हमारे दरवाजे पर आ धमकता है। हम अखबारों को खोलते हैं, देश दुनिया की हालात को समझते हैं और फिर मोड़कर उसे पुराने अखबारों के ढेर में पहुंचा देते हैं। 30 मई के दिन को हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 1826 में इसी तारीख को हिंदी भाषा म…
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ऋषिकेश शर्मा जी की कविता *कब जाएगी यह बीमारी मन को आए चेन जरा*
उज्जैन-( पल्लवी शर्मा)           कविता          बढ़ ही रही बीमारी ये तो  कम होने का नाम नहीं  कर रहे हम जतन बचत के  पर आ रहे वो काम नहीं  कुछ शहर बस बचे हुए हैँ  पर डर में वो धंसे हुए हैँ  दूर रहे कोरोना हमसे  सुनना चाहते नाम नहीं  जिन शहरों में कोरोना है  सबका बस यही रोना है  कब जाएगी ये बीमारी  म…